रविवार, 1 मार्च 2015

‘’मच्छर फ्लू’’

''व्यंग्य''



देश में स्वाइन फ्लू
के कहर के बीच
दुःख-भरी खबर ये है के
बालीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री
सोनम कपूर 
को स्वाइन फ्लू
होने की खबर की पुष्टी कुछ
समाचार एजेसियों ने की है..
भगवान कोमलांगी को जल्द स्वास्थलाभ दे!
इसी बीच आम आदमी को आशा
की किरण यह जगी है कि
शायद सरकार इस
नाजुक कन्या और उनकी फैन मंडली
के दुःख को संज्ञान में लेते हुए
प्रभावी कदम उठाने में तेजी लाये....!
 

खैर आजकल मै एक अन्य
बीमारी से परेशान हूँ...
और मुझे पूरा यकीं है
की आप भी..
इस महाभयंकर और
महादुखदायी


‘’मच्छर फ्लू’’ नामक बीमारी
से अत्यधिक परेशान होंगे..
महाभयंकर मैंने इसलिये कहा क्युकी
आप स्वाइन फ्लू से तो बच
सकते हैं पर ‘’मच्छर फ्लू’’
से बचना नामुमकिन है...
और मच्छरफ्लू कहने से मेरा तात्पर्य
इसके और इससे होने वाले रोगों के 
सर्वत्र तेजी से फैलने  
के आशय से है...
ऐसा प्रकोप  है इसका कि
आप घर-आफ़िस
स्कूल-कालेज
रेलवे-स्टेशन बस-स्टेशन
अन्डर-ग्राउण्ड प्ले-ग्राउंड
 
कहीं भी चले जाये इससे मुक्ति नही है..
हद तो यह हो गयी है
की पहले आदमी तन को
कपड़ो से ढक के इनसे बच भी
जाता था..पर
हाय रे! क्रमिक विकास के इन योद्धाओं को 
बारम्बार प्रणाम! अल्प समय में ही क्या ख़ूब
प्रगति की है कि आप दो तीन स्तर के
के कपड़े ही क्यों न पहन लें..
उसके ऊपर से भी दंश गड़ाने में भी इनका कोई सानी नही!
तिस पर 'कोढ़ में खाज' वाली समस्या ये के
खुले स्थानों पर व्यक्ति खजुआ के परमसुख पा भी जाता था..
पर अब तो अपने ही व्यूह में फसने वाली स्थिति
हो गयी है...
अब सार्वजानिक स्थानों पे खुजली करने के स्थानों
की भी कोई सीमा होती है के नही ??
और तो और दंश के बाद की झुझलाहट की
जो स्थिति होती है के सामने वाले को
अकारण चमाट! कोई मार दे तो
इसमें कोई अजरज नही होना चाहिए...
दैनिक जीवन के ज़रूरी
कार्यो को करना अब तो किसी
जंग से कम नही रह गया है...
आपने तन से कपड़ा क्या उतारा
जैसे बौराई मधुमक्खियाँ
पीछे पड़ जाये ऐसा दृश्य हो जाता है..
नित्यकर्म करना दुश्वार कर रक्खा है..
मेरे पास शब्द नही है के मै कैसे इस
दुःख की अवस्था का वर्णन करूँ...

मच्चर भागाने और मारने के लिए
विभिन्न प्रकार की
सामग्री बाजार में उपलब्ध है..
ऐसे उत्पाद बनाने वाले की
सीजनल चाँदी होने का समय है..
लेकिन लोशन,लिक्विड,काइल,स्प्रे,आदि
में से कोई भी उपाय अब कारगर सिद्ध नही हो रहा..
इस आत्मघाती जीवट जीव ने
अपने को ऐसा बज्र मैकश बना लिया है के
हर एक डोज कम ही पड़ती जा रही है..
आप संख्या में रक्तबीज की भांति
मरने को हरपल तैयार और
रक्त का नमूना लेने को आतुर इस जीव का 
 कितना भी संहार क्यों न कर डाले
मुक्ति नही मिलने वाली...!
ये सच्चे जेहादी आज के दौर में
आतंकवाद की नई परिभाषा गढ़ रहें है!!



**इस सम्बन्ध में मेरा सरकार को मांग पत्र -------
१-      सभी कार्यालयों आफ़िस दफ्तरों में (सार्वजानिक व प्राइवेट समेत) मच्छरदानीयुक्त बैठकी का प्रबंध होना सुनिश्चित किया जाये!! अथवा आफिस मच्छरप्रूफ बनाना सुनिश्चित करे!
२-      मच्छरप्रूफ ट्रेनों व् बसों को पर्याप्त मात्रा में चलवाया जाये!
३-      मुफ्त मच्छरदानियों को बटवाया जाये!
४-      स्कूल कालेजों को मच्छरप्रूफ बनाने का प्रबंध करें!
५-      मच्छरप्रूफ विशेष प्रकार के कपड़ों का निर्माण की हर राज्य में इकाई का गठन किया जाये और मुफ़्त कपड़े बटवाया जाये!



अन्यथा आम जनता आने वाले समय में उग्र आन्दोलन करने पर विवश हो सकती है!!
यह मेरी स्पष्ट चेतावनी है!!



                                       - ''कृष्णा मिश्रा''

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